केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) में शामिल होने वाले सभी सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम के अंतर्गत रिटायरमेंट और डेथ ग्रेच्युटी बेनिफिट जैसी सुविधाएं पाएंगे। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह की तरफ से बुधवार को जानकरी दी गई। इस निर्णय से सरकारी कर्मचारी को काफी आर्थिक फायदा होने वाला है। केंद्र सरकार की तरफ से UPS को NPS के अंदर विकल्प बना दिया है।
यूपीएस एक नई पेंशन स्कीम है, जिसे सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से लागू किया है। इस स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को तय और गारंटीड पेंशन मिलेगी। इस स्कीम को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत लगया गया है। इस नई पेंशन स्कीम ने एनपीएस और पुरानी पेंशन योजना दोनों के लाभों मिलाकर शामिल किया गया है।
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कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कही ये बात
कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की मांग को पूरा किया है। इससे रिटायरमेंट के फायदों में मेल-जोल बैठेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस नियम से एनपीएस के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी।
राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पिछले 11 सालों में हुए काम काज को लेकर की जा रही प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात को कहा। इसके साथ उन्होंने कहा कि इससे कई लोगों और शासन के बीच तालमेल बैठेगा।
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कर्मचारी की मौत के बाद परिवार को मिलेगा यह फायदा
कार्मिक मंत्रालय के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) की तरफ से बुधवार को एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि यूपीएस के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को नौकरी करते हुए मौत, अक्षम होने या विकलांगता होने पर सेवा से बाहर किए जाने पर ओपीएस के अंतर्गत फायदा मिलेगा।
डीओपीपीडब्ल्यू के सचिव वी श्रीनिवास ने बताया कि इस आदेश के आने के बाद कर्मचारी को विकल्प चुनने का मौका मिलता है, जैसे कि उसकी सेवा के दौरान मौत हो जाती है तो उसे ओपीएस के तहत लाया जाए। इस मतलब यह है कि अगर किसी कर्मचारी की मौत सेवा के दौरान हो जाती है तो उसका फायदा उसके परिवार को मिलेगा।