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HRA टैक्स छूट: क्या आपको पता है कब जरूरी है मकान मालिक का PAN? ITR भरने से पहले जान लें ये नियम

On: June 17, 2025 4:56 PM
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HRA allowance: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया, यानी वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए, जोर-शोर से जारी है। टैक्स बचाने के कई तरीके हैं, और salaried कर्मचारियों के लिए हाउस रेंट अलाउंस (HRA) उनमें से एक बड़ा फायदा है। अगर आप किराए के मकान में रहते हैं, तो पुराने टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) को चुनकर आप HRA पर शानदार टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। यह आपके वेतन का एक अहम हिस्सा होता है और इसे क्लेम करके आप अपनी टैक्स देनदारी काफी कम कर सकते हैं।

धारा 10(13A) के तहत मिलती है HRA पर छूट

इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट के मुताबिक, पुराने टैक्स रिजीम के तहत सैलरी पाने वाले टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10(13A) के तहत HRA पर टैक्स छूट मिलती है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि नए टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में यह छूट उपलब्ध नहीं है, इसलिए सही टैक्स रिजीम का चुनाव करना बेहद जरूरी है।

HRA क्लेम के लिए कौन से डॉक्यूमेंट्स हैं ज़रूरी?

HRA का दावा करने के लिए वैसे तो कई महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है, लेकिन ITR फाइल करते समय आपको सभी दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं पड़ती। हालांकि, भविष्य में अगर इनकम टैक्स विभाग की तरफ से कोई नोटिस आता है, तो आपको जवाब देने के लिए ये डॉक्यूमेंट्स अपने पास संभाल कर रखने होंगे:

  • आपके पास एक वैध रेंट एग्रीमेंट (Valid Rent Agreement) होना चाहिए।
  • इसके साथ ही, मकान मालिक से प्राप्त रेंट रिसीप्ट (Rent Receipts) भी होनी चाहिए।
  • अगर आप ऑनलाइन किराया भुगतान करते हैं, तो उसका स्टेटमेंट (Online Rent Payment Statement) भी अपने पास रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर आप उसे दिखा सकें।

PAN नंबर देना जरूरी है या नहीं? पूरी जानकारी

HRA क्लेम करते समय मकान मालिक के PAN नंबर (PAN Number) को लेकर अक्सर लोगों में कन्फ्यूजन रहता है। इसे आसान भाषा में समझते हैं:

  • अगर सालाना किराया ₹1 लाख से ज्यादा है (यानी ₹8,333 प्रति माह से ज्यादा): इस स्थिति में आपको अपने मकान मालिक का PAN नंबर देना अनिवार्य है। अगर आप गलत PAN नंबर देते हैं, तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिल सकता है।
  • अगर सालाना किराया ₹1 लाख से कम है (यानी ₹8,333 प्रति माह या उससे कम): इस स्थिति में आपको मकान मालिक का PAN नंबर देने की कोई जरूरत नहीं है
  • अगर किराया ₹8,334 से ₹50,000 प्रति माह के बीच है: तब भी आपको मकान मालिक का PAN नंबर देना होगा।
  • अगर किराया ₹50,000 प्रति माह से ज्यादा है: इस स्थिति में न केवल आपको मकान मालिक का PAN नंबर देना होगा, बल्कि आपको किराए पर TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) भी काटना होगा।

सारांश में: आपको दो मुख्य बातें देखनी हैं। पहली, क्या आपका किराया ₹8,333 प्रति माह से ज्यादा है? और दूसरी, क्या किराया ₹50,000 प्रति माह से ज्यादा है? यदि इन दोनों में से किसी एक का भी जवाब ‘हाँ’ है, तो आपको मकान मालिक का PAN नंबर देना अनिवार्य होगा।

सही जानकारी और जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ HRA क्लेम करके आप आसानी से अपना टैक्स बचा सकते हैं। इसलिए, ITR फाइल करते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखें!

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