Israel-Iran ceasefire. दुनिया के कई देशों में इन दोनों हलचल मची हुई है। तो वही इसराइल औऱ ईरान के बीच हो रहा मिसाल अटैक के बीच यूएस ने सीज फायर का ऐलान किया था। लेकिन युद्ध विराम के बाद मिसाइल लॉन्च करने से अचानक युद्ध विराम के ऐलान से कई सवाल खड़े हो गए हैं। बता दें कि इजरायल ईरान के बीच में सीजफायर का ऐलान यूएस ने किया था, जिससे अब यूएस के साख और मध्य पूर्व को लेकर नीति अपनाएंगे पर सवाल खड़े हो रहे है।
नहीं चल पाया इजरायल ईरान के सीजफायर
आपको याद दिला दें कि यूएस राष्ट्रपति ने 24 जून को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा था कि इसराइल अभियान के बीच 12 घंटे के भीतर सीजफायर लागू होगा। हालांकि यूएस राष्ट्रपति के इस घोषणा के बाद इजरायल की ओर से कहा गया कि ईरान ने मिसाइल हमले किए हैं। ऐसे में यूएस के इस घोषणा के साथ पर सवाल उठ खड़े हुए।
रिपोर्ट में सामने आय़ा है कि कतर की मध्यस्थता ने इजरायल औऱ इरान के बीच में युद्धविराम को संभव बनाया। इस कढ़ी में कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने ईरान को सीजफायर के लिए मनाने में महत्वपूर्ण रोल बताया जा रहा है, जिसका जिक्र यूएस ने भी किया है।
अब कैसी होगी मध्य पूर्व को लेकर यूएस नीति
हालांकि अब मामले और भी दिलचस्प हो गया है, क्योकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्य पूर्व को लेकर कैसे नीति होगी। और इजरायल ईरान का युद्ध किस स्थिति पर जा टिकेगा इसको लेकर विशेषज्ञ में अलग-अलग अनिश्चिता जता रहा है।
आप को याद दिला दें कि ट्रंप प्रशासन की मध्य पूर्व नीति में हाल के महीनों में कई बदलाव देखे गए है, जहां पहले कार्यकाल में ट्रंप ने 2018 में ईरान परमाणु समझौते यूएस को बाहर निकाला था। जिससे दबाव की नीति अपनाई थी। लेकिन हाल की घटनाओं में ईरान के परमाणु स्थान पर बमबारी कर और जटिल बना दिया है। जिससे इस नीति में बदलाव के संकेत दिए हैं।